Friday, April 26, 2024
BREAKING
खुलकर सामने आ रहे हैं कांग्रेस के आमजन विरोधी इरादे : जयराम ठाकुर कांगड़ा बाईपास पर राजीव की फूड वैन देख रुके सीएम सुक्‍खू शिमला में चार साल की मासूम से दुष्‍कर्म चंबा फ़र्स्ट के लिए मोदी ने चंबा को आकांक्षी ज़िला बनाया : जयराम ठाकुर बिकाऊ विधायक धनबल से नहीं जीत सकते उपचुनाव : कांग्रेस तीन हजार रिश्‍वत लेते रंगे हाथों दबोचा एएसआई 23 वर्षीय युवती ने फंदा लगाकर की आत्‍महत्‍या सरकार उठाएगी पीड़ित बिटिया के इलाज का पूरा खर्च: मुख्यमंत्री युवक ने दिनदिहाड़े छात्रा पर किए दराट के एक दर्जन वार, हालत गंभीर पीजीआई रेफर राज्य सरकार के प्रयासों से शिंकुला टनल को मिली एफसीए क्लीयरेंस: सीएम
 

मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना से 4669 हेक्टेयर बंजर भूमि में बहार

एफ.आई.आर. लाइव डेस्क Updated on Sunday, December 05, 2021 18:09 PM IST
मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना से 4669 हेक्टेयर बंजर भूमि में बहार

शिमला,05 दिसंबर। प्रदेश की कृषि जलवायु नकदी फसलों के उत्पादन के लिए अति उत्तम है। इसके अलावा यहां पारंपरिक खेती से भी लाखों परिवार जुड़े हुए हैं। कई क्षेत्रों में किसानों की कड़ी मेहनत से उगाई गई फसलों को बेसहारा व जंगली जानवरों से काफी नुकसान पहुंचता है। इससे बचाव के लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना आरंभ की है।

 

इस योजना के अंतर्गत कृषकों को सौर ऊर्जा चालित बाड़ लगाने के लिए अनुदान दिया जा रहा है। व्यक्तिगत स्तर पर सौर ऊर्जा बाड़ लगाने के लिए 80 प्रतिशत तथा समूह आधारित बाड़बंदी के लिए 85 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान इसमें किया गया है। बाड़ को सौर ऊर्जा से संचारित किया जा रहा है। बाड़ में विद्युत प्रवाह से बेसहारा पशुओं, जंगली जानवरों एवं बंदरों को दूर रखने में मदद मिल रही है।

 

प्रदेश सरकार ने किसानों की मांग तथा सुझावों को देखते हुए कांटेदार तार अथवा चेनलिंक बाड़ लगाने के लिए 50 प्रतिशत उपदान और कम्पोजिट बाड़ लगाने के लिए 70 प्रतिशत उपदान का भी प्रावधान किया है।

 

अच्छी बात यह है कि प्रदेश में किसानों का इस योजना के प्रति उत्साह एवं विश्वास लगातार बढ़ा है और लाभार्थियों की संख्या भी उसी अनुपात में बढ़ी है। किसानों का कहना है कि जंगली जानवरों विशेष तौर पर बंदरों के उत्पात से फसलें खराब होने के कारण उनका खेती के प्रति उत्साह कम हो गया था, मगर मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना वरदान बनकर आई है। इससे बंदरों के उत्पात से उनकी फसलों का बचाव संभव हुआ है। इसमें सोलर फैंसिंग के साथ-साथ कांटेदार बाड़बंदी का प्रावधान जुड़ने से अन्य जंगली व बेसहारा जानवरों से भी फसल सुरक्षित हुई है।

 

योजना के अंतर्गत अभी तक लगभग 175.38 करोड़ रुपए व्यय किए जा चुके हैं। इस योजना के लागू होने के उपरांत प्रदेश में लगभग 4,669.20 हेक्टेयर खेती योग्य भूमि की रक्षा की गई है जो बेसहारा पशुओं, जंगली जानवरों और बंदरों के खतरे के कारण बंजर पड़ी थी। प्रदेश के लगभग 5,535 किसान इस योजना का लाभ उठा चुके हैं।

 

मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना का लाभ उठाने के लिए किसान व्यक्तिगत तौर पर अथवा किसान समूह के रूप में नजदीक  के कृषि प्रसार अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी अथवा विषयवाद विशेषज्ञ (एसएमएस) के माध्यम से कृषि उपनिदेशक के समक्ष आवेदन कर सकते हैं। विभाग के वृत्त, विकास खंड एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में आवेदन फाॅर्म उपलब्ध रहते हैं। आवेदन के साथ उन्हें अपनी भूमि से संबंधित राजस्व दस्तावेज संलग्न करने होंगे।

 

हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। कृषि विभाग के एक अनुमान के अनुसार प्रदेश के लगभग 90 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और 70 प्रतिशत लोग सीधे तौर पर कृषि पर निर्भर हैं। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि व इससे जुड़े क्षेत्रों का योगदान लगभग 13.62 प्रतिशत है। प्रदेश में लगभग 9.97 लाख किसान परिवार हैं तथा 9.44 लाख हैक्टेयर भूमि पर काश्त होती है। यहां औसतन जोत का आकार लगभग 0.95 हैक्टेयर है। प्रदेश में 88.86 प्रतिशत किसान सीमान्त तथा लघु वर्ग के हैं जिनके पास बोई जाने वाली भूमि का लगभग 55.93 प्रतिशत भाग है। 10.84 प्रतिशत किसान मध्यम श्रेणी के हैं और 0.30 प्रतिशत किसान ही बड़े किसानों की श्रेणी में आते हैं।

ऐसे में प्रदेश सरकार की खेत संरक्षण योजना सीमान्त, लघु व मध्यम वर्ग के किसानों के लिए वरदान बन कर आई है। बेसहारा व जंगली जानवरों के उत्पात से खेती-किसानी से किनारा कर रहे कृषक फिर से खेतों की ओर मुड़े हैं और यह योजना हिमाचल में सुरक्षित खेती की नई इबारत लिख रही है।

 

जारीकर्ताःनिदेशालय, सूचना एवं जन सम्पर्क हिप्र., शिमला-171002

 

कांगड़ा के शाहपुर में लहलहाई सेब की फसल

सफलता की कहानी : कांगड़ा के शाहपुर में लहलहाई सेब की फसल

फलदार पौधों का कोहरे से करें बचाव, ये हैं उपाय

सलाह : फलदार पौधों का कोहरे से करें बचाव, ये हैं उपाय

बागवानों का शोषण रोकने को गठित कमेटी के अहम निर्णय, जीएसटी पर मिलेगा अनुदान

बैठक : बागवानों का शोषण रोकने को गठित कमेटी के अहम निर्णय, जीएसटी पर मिलेगा अनुदान

सेब सीजन में बागवानों का शोषण रोकने को सीएस की अध्यक्षता में गठित होगी समिति: सीएम

फैसला : सेब सीजन में बागवानों का शोषण रोकने को सीएस की अध्यक्षता में गठित होगी समिति: सीएम

आम व नींबू के लिए मंडी मध्यस्थता योजना मंजूर, 1250 मीट्रिक टन आम खरीदा जाएगा

फैसला : आम व नींबू के लिए मंडी मध्यस्थता योजना मंजूर, 1250 मीट्रिक टन आम खरीदा जाएगा

कृषि मंत्री ने प्राकृतिक कृषि पद्धति पर शोध के लिए राष्ट्रीय संसाधन केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया

विज़न : कृषि मंत्री ने प्राकृतिक कृषि पद्धति पर शोध के लिए राष्ट्रीय संसाधन केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया

हिमाचल में कृषि के लिए नवोन्मेषी प्रयास, 628.52 करोड़ रुपये का प्रावधान

आर्थिकी : हिमाचल में कृषि के लिए नवोन्मेषी प्रयास, 628.52 करोड़ रुपये का प्रावधान

फॉल आर्मी वर्म से मक्की के बचाव के लिए करें कौराजेन का स्प्रे, बीडीओ ऑफिस में उपलब्ध

कृषि सलाह : फॉल आर्मी वर्म से मक्की के बचाव के लिए करें कौराजेन का स्प्रे, बीडीओ ऑफिस में उपलब्ध

VIDEO POST

View All Videos
X