ज्वालामुखी(कांगड़ा), 08 फरवरी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला कांगड़ा के ज्वालामुखी में आयोजित सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रदेश की बदहाल आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए प्रदेश के कर्मचारियों के लंबित एरियर को लेकर आने वाले समय में राहत ना मिलने के संकेत दिए हैं। उन्होंने मौजूदा स्थिति के लिए पूर्व की सरकारों और केंद्र सरकार पर ठिकरा फोड़ते हुए कहा कि अगर वह भी पूर्ववर्तियों की तरह सरकार चलाएंगे तो आने वाली युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। इसलिए पीड़ा होने के बावजूद उन्हें कड़े फैसले लेने पड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वित्तीय सख्ती का मतलब यह नहीं है कि सरकारी कर्मचारियों के अधिकारों को सुरक्षित नहीं रखा जाएगा। ऐसे में उन्हें आपदा प्रभावित किसानों, बागवानों और मजदूरों के बारे में भी सोचना है। इसलिए पहले अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि गांव के दूर इलाके पर बैठे व्यक्ति तक योजनाएं पहुंचेंगी तभी प्रदेश आगे बढ़ पाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार दिन रात मेहनत कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी वर्गों को सभी सुविधाएं मिलेंगी मगर इसके लिए धन चाहिए। सरकार भी परिवार के मुखिया की तरह ही है। उन्होंने कहा कि जैसे घर के मुखिया ने अपनी आमदनी के हिसाब से घर का खर्च बांटा होता है और अगर खर्च बढ़ जाए तो किसी से उधार मांगना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इसी तरह उन्हें भी प्रदेश की जनता ने प्रदेश का मुखिया बनाया है। अभी प्रदेश सरकार की आमदन सौ रुपये है तो खर्च 170 रुपये आ रहा है। ऐसे में 70 रुपये कर्ज के तौर पर लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयाराम गया राम वाली पिछली सरकारों के चलते यह कर्ज उठाना पड़ रहा है। इस प्रकार की व्यवस्था हिमाचल प्रदेश को कभी भी आत्मनिर्भर नहीं बना सकती। इसलिए मौजूदा सरकार ने कड़े फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि वह यह दावा कर सकते हैं कि वर्ष 2027 तक हिमाचल प्रदेश आपने पैरों पर खड़ा होगा, क्योंकि आत्मनिर्भर हिमाचल की नींव उनकी सरकार ने अपने बजट में रख दी है।
उन्होंने कहा कि 2032 तक हिमाचल प्रदेश हिंदोस्तान का सबसे समृद्धशाली और अमीर राज्य होगा। इसके लिए हिमाचल की जनता और प्रदेश के सभी वर्गों का साथ चाहिए होगा। प्रदेश सरकार द्वारा लाई जा रही योजनाओं के धरातल पर उतरने का इंतजार करना होगा, अभी उनकी सरकार का एक साल ही पूरा हुआ है। आने वाले समय में और फैसले लिए जाएंगे और परिवर्तन होंगे जिससे समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचे।
अगले साल से डीसी की सीआर से जुड़ेगी राजस्व मामलों की प्रगति
मुख्यमंत्री ने ज्वालामुखी में जनता को संबोधित करते हुए राजस्व अदालतों की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान उनकी सरकार ने आम जनता को जिस प्रकार राहत दी है उसे भविष्य में गारंटीशुदा बनाने के लिए मंडलायुक्त, उपायुक्त और अन्य राजस्व अधिकारियों की सीआर में राजस्व मामलों की प्रगति रिपोर्ट को भी शामिल किया जाएगा। यह तय किया जाएगा कि संबंधित अधिकारी ने निशानदेही, तकसीम, इंतकाल इत्यादि के अपने लक्ष्य को प्राप्त किया है या नहीं। इसी आधार पर उन्हें सीआर में अंक दिए आएंगे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मानक तय करके अगले साल से यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
सुरानी में विकास खंड अधिकारी कार्यालय, ज्वालामुखी में जल शक्ति विभाग का मण्डल व मझीण में उप-मण्डल खोलने की घोषणा
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र के तहत अंब पठियार में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की और जन समस्याएं सुनीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ज्वालामुखी के सुरानी में विकास खंड अधिकारी कार्यालय खोलने, ज्वालामुखी में जल शक्ति विभाग का मण्डल तथा मझीण में उपमण्डल खोलने की घोषणा की। उन्होंने मझीण व लगड़ू उप तहसीलों को तहसीलों का दर्जा देने तथा भड़ोली में उप-तहसील खोलने, लुथान व हिरण में पटवार सर्किल खोलने की भी घोषणा की।
उन्होंने व्यास नदी पर सिथोड़ा पतन व सुधंगल में पुल का निर्माण करने, ज्वालामुखी में हेलीपोर्ट स्थापित करने, ज्वालामुखी कॉलेज में प्रशासनिक भवन बनाने तथा यहां वा णिज्य, गणित, राजनीतिशास्त्र तथा हिंदी की स्नातकोत्तर कक्षाएं शुरू करने व ज्वालामुखी महाविद्यालय का नाम स्वतंत्रता सेनानी पंडित सुशील रत्न के नाम पर रखने की भी घोषणा की। उन्होंने राजकीय उच्च विद्यालय देहरियां व चौकाठ को जमा दो का दर्जा प्रदान करने, राजकीय माध्यमिक पाठशाला वनगल चौकी, थड़ा, सलिहार व बौहण-भारी को उच्च विद्यालय बनाने तथा पिहड़ी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा लगड़ु में विद्युत बोर्ड का उप-मण्डल खोलने व मझीण व ठेहड़ा में 33 केवी सब स्टेशन स्थापित करने की भी घोषणा की।
इस अवसर पर जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने एक वर्ष के कार्यकाल में सभी क्षेत्रों एवं सभी वर्गों के कल्याण के लिए अनेक महत्वकांक्षी योजनाएं शुरू कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक इनका लाभ सुनिश्चित किया है। प्रदेश में पहली बार राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर इंतकाल सहित अन्य मामलों का घर-द्वार पर निपटारा सुनिश्चित किया है। लगभग तीन माह में ही इंतकाल के रिकॉर्ड 89 हजार से अधिक मामले और तकसीम के 6029 लम्बित मामलों का निपटारा इन अदालतों के माध्यम से किया गया। जिला कांगड़ा में भी इंतकाल के 21,483 व तकसीम के 1133 मामले निपटाए गए हैं।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में शीघ्र ही 21 हजार युवाओं को रोजगार प्रदान किया जाएगा। प्रदेश सरकार भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित कर रही है और इसमें मेरिट को अधिमान दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘पिछली भाजपा सरकार के समय पेपर लीक किए गए। हमारी सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए तत्कालीन कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग कर नए राज्य चयन आयोग का गठन किया। इससे अब पात्र युवाओं को नौकरी के समुचित अवसर सुनिश्चित होंगे।’’
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के साथ कार्य करते हुए अर्थव्यस्था को सुदृढ़ करने के लिए कड़े फैसले ले रही है। पिछली भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन ने प्रदेश को आर्थिक बदहाली में धकेला। गत वर्ष प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुुई तबाही के दौरान भाजपा मूक दर्शक बनी रही। विपक्ष न तो प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा नजर आया और न ही इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के संकल्प का समर्थन किया।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ‘‘मैं प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व वित्त मंत्री से मिला और हिमाचल में भीषण आपदा से निपटने के लिए विशेष पैकेज की मांग की। तीनों भाजपा सांसदों से पूछा जाना चाहिए कि जब प्रदेश में इतिहास की सबसे बड़ी आपदा आई तो क्या वे प्रधानमंत्री या गृह मंत्री से मिले? अब तक जो भी मदद मिली है, वह सभी राज्यों को आपदा के तहत निर्धारित बजट से ही मिली है, जबकि केंद्र सरकार की ओर से विशेष राहत पैकेज का एक भी पैसा राज्य को नहीं मिल पाया है। प्रभावितों की मदद के लिए हमारी सरकार ने अपने सीमित संसाधनों से 4500 करोड़ रुपए का पैकेज जारी किया।’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए मुआवजा राशि में भी 25 गुणा तक की बढ़ोतरी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए राज्य सरकार ने एनपीएस कर्मचारियों के लिए बिना किसी राजनीतिक लाभ की लालसा व आर्थिक तंगी के बावजूद ओपीएस बहाल की। पूर्व भाजपा सरकार के समय गर्त की ओर जा रही शिक्षा व्यवस्था को पुनः सुदृढ़ करने के दृष्टिगत शिक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार किए जा रहे हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित करना सरकार के इन प्रयासों का ही परिणाम है। अगले शैक्षणिक सत्र से पहली कक्षा से अंग्रेजी मीडियम में शिक्षा शुरू की जा रही है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक सुधार की दिशा में आगे बढ़ते हुए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में आदर्श स्वास्थ्य संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए दूध के खरीद मूल्य में 6 रुपये की बढ़ोतरी की है। राज्य सरकार ने 4,000 अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है। उनके कल्याण के लिए कानून बनाया और मुख्यमंत्री सुख-आश्रय कोष की स्थापना की गई, जिसके तहत राज्य सरकार 27 वर्ष तक इनकी देखभाल और उच्च शिक्षा के लिए उचित सहायता प्रदान कर रही है।
इस अवसर पर डिग्री कॉलेज प्रबन्धन ज्वालामुखी ने आपदा राहत कोष के लिए 31 हजार रूपये का एक चैक मुख्यमंत्री को भेंट किया।
स्थानीय विधायक संजय रत्न ने ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र में पहुंचने पर मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि वह इस क्षेत्र के तीव्र विकास में विशेष रूचि ले रहे हैं। उन्होंने 205 करोड़ रुपये के लोकार्पण एवं शिलान्यास के लिए उनका विशेष तौर पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन की भावना के साथ कार्य करते हुए प्रदेश सरकार कल्याणकारी योजनाओं का समय पर लोगों को लाभ सुनिश्चित कर रही है।
इससे पूर्व, ज्वालामुखी क्षेत्र में पहुंचने पर मुख्यमंत्री का लोगों ने भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री चंद्र कुमार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, आयुष मंत्री यादविन्द्र गोमा, पूर्व सांसद विप्लव ठाकुर, पूर्व विधायक अजय महाजन, कांग्रेस नेता सुरेंद्र मनकोटिया, नरदेव कंवर, डॉ राजेश शर्मा, प्रेम कौशल, कांगड़ा सहकारी प्राथमिक कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के चेयरमैन राम चंद्र पठानिया, उपायुक्त हेमराज बैरवा व पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे।