धर्मशाला(कांगड़ा)/शिमला, 08 मई। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के मुख्यालय धर्मशाला के तपोवन में स्थित हिमाचल विधानसभा भवन के मेन गेट और दिवारों पर खालिस्तानी झंडा लगाने और दिवारों पर पंजाबी में खालिस्तान लिखे जाने की घटना से प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है।
रविवार को जैसे ही अंधेरा छंटा और यहां के स्थानीय लोग विधानसभा परिसर के प्रवेशद्वार और दिवारों पर खालिस्तान के झंडे व नारे लेख कर दंग रह गए। इसकी सूचना पुलिस को दी गई और इस बीच किसी ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। हालांकि पुलिस ने मौके पर पहुंच कर तुरंत झंटे हटवाए और मामले की छानबीन शुरू कर दी, तो वहीं वायरल वीडियो से यह खबर आग की तरफ फैल गई। वहीं प्रदेश सरकार ने इसकी जांच के लिए एसआईटी भी गठित कर दी है।
दिल्ली के डिप्टी सीएम सिसोधिया ने भाजपा पर निशाना साधा
दोपहर होते-होते तो यह घटना सियासी उफान मारने लगी। जहां इसको लेकर मुख्यमंत्री ने पत्रकारवार्ता में कड़ी कार्रवाई करने की बात कहते हुए दिन के उजाले में ऐसी औछी करकत करने की चुनौती दे डाली। वहीं विपक्षी दलों को सरकार को घेरने का मुद्दा मिल गई। इतना ही नहीं यह खबर प्रदेश से निकल कर दिल्ली तक जा पहुंची और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोधिया ने इस बात को लेकर भाजपा पर तंज कस दिया। उन्होंने ट्वीट किया कि पूरी भाजपा एक गुंडे को बचाने में लगी है और उधर खालिस्तानी झंडे लगा कर चले गए। वहीं आम आदमी पार्टी के हिमाचल के ट्विटर हैंडल से भी ट्विट किया गया और इसे शर्मनाक बताते हुए मुख्यमंत्री जय राम को घेरा।
पंजाब के पर्यटकों का हाथ होने की संभावना
उधर, कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक ने इस बात की संभावना जताई है कि घटना में "पंजाब के कुछ पर्यटकों" का हाथ है। सीएम ने इसी के बाद सीमा सुरक्षा की समीक्षा की बात कही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को कहा कि सरकार विभिन्न राज्यों के साथ सीमाओं पर सुरक्षा की समीक्षा करेगी। बता दें कि हिमाचल में दिल्ली, पंजाब कश्मीर, जैसे राज्यों से लोग घूमने लिए आते हैं। इस घटना पर अपना बयान जारी करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि "मैं घटना की निंदा करता हूं। मैं राज्य के लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूं। अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हम जल्द ही अन्य राज्यों के साथ अपनी सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे।"
पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच को एसआईटी गठित की
इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके जांच तेज कर दी है। इस बीच इस घटना को लेकर पुलिस मुख्यालय शिमला में भी छुट्टी के दिल हलचल मची रही। हिमाचल पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एक छह सदस्यीय एसआईटी गठित करने का ऐलान किया है। यह मामले की गहनता से जांच करके सरकार को रिपोर्ट सौपेगी और यह हरकत करने वालों को दबोचा जाएगा। फिलहाल इसे पंजाब के पर्यटकों की हरकत माना जा रहा है, क्योंकि वे पहले भी हिमाचल के मंदिरों या पर्यटन स्थलों में घूमने के दौरान खालिस्तान के नारे लिखने के अलावा खालिस्तान समर्थक भिंडरावाले के झंडे वाहनों में लगाकर आते रहे हैं। हालांकि जिस प्रकार से प्रदेश के मणिकर्ण में एक संदिग्ध धमाका हुआ था और अब हाल ही में पंजाब में हुई बम ब्लास्ट की घटना में ऊना के युवकों को दबोचे जाने के बाद खालिस्तान समर्थकों के तार हिमाचल से भी जुड़ते दिख रहे हैं। ऐसे में इस घटना के पीछे किसी स्थानीय व्यक्ति का हाथ होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। हाल ही में आप के हिमाचल के एक नेता द्वारा सोशल मीडिया में खालिस्तान के समर्थन में लिखे जाने की घटना भी चर्चा का विषय बनी रही है।
सीएम बोले दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, 'मैं इस कायराना हरकत की निंदा करता हूं। जांच के आदेश दे दिए गए हैं और प्राथमिकी दर्ज दर्ज हो गई है। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।' उन्होंने कहा कि विधानसभा परिसर के अंदरुनी इलाकों में पुलिस तैनात थी, लेकिन बाहर झंडा लगा कर अपराधी भाग गए। ज्ञात रहे कि कुछ दिनों पहले, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को खालिस्तानी समर्थकों ने धमकी दी थी। प्रतिबंधित झंडे और पोस्टर को लेकर विवाद पर गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने सीएम जयराम ठाकुर को धमकी दी थी और कहा था कि 29 अप्रैल को शिमला में खालिस्तान का झंडा फहराएंगे।
घटना पर कुमार विश्वास ने भी दिया बयान, केजरीवाल को घेरा
अन्ना हजारे आंदोलन से जुड़े रहे और मशहूर कवि कुमार विश्वास ने कहा कि ‘देश मेरी चेतावनी को याद रखे। मैंने पंजाब के वक्त कहा था, लेकिन अब उसकी इस दूसरे प्रदेश पर नज़र है।’ कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा कि ‘मैंने पहले भी चेताया था, फिर कह रहा हूं। देश मेरी चेतावनी को याद रखे. मैंने पंजाब के वक़्त कहा था, लेकिन अब उसकी इस दूसरे प्रदेश पर नज़र है। हालांकि कुमार विश्वास ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इससे पहले जब पंजाब चुनाव थे, तब उन्होंने सीधे-सीधे अरविंद केजरीवाल पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाए थे।’
डीजीपी ने पुलिस अधीक्षकों को दिए सख्ती के निर्देश, बार्डर होंगे सील
सीएम को मिलने वाली धमकियों के बाद अब तपोवन की घटना के चलते खालिस्तान मुवमेंट को लेकर हिमाचल पुलिस स्तर्क हो गई है। रविवार को पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों समेत सीआईडी के एडीजीपी, तमाम रेंज के आईजी व डीआईजी को आदेश जारी करके इस मामले को गंभीरता से लेने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही आदेश दिए हैं कि खालिस्तान के समर्थन में तपोवन में हिमाकत करने वाले आरोपियों के संभावित ठिकानों पर दबिश दी जाए और इलाके के होटलों व सरायों की सघन तलाशी ली जाए।
वहीं रात्रि को पुलिस गश्त को सख्ती से अमल में लाने के अलावा प्रदेश की बांध परियोजनाओं की सुरक्षा कड़ी की जाएगी। साथ ही रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, सरकारी भवनों पर भी गश्त बढ़ाने को कहा गया है। डीजीपी ने सरकारी, अर्द्धसरकारी बैंकों इत्यादि के रात्रि चौकीदारों को भी पुलिस की मदद करने को कहा है और अनुरोध किया है कि कुछ संदिग्ध लगे तो तुरंत इसकी सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन को दी जाए।
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