कुन्नूर(तमिलनाडु), 08 दिसंबर। तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को सेना का हेलिकॉप्टर एमआई-17वी5 क्रैश हो गया। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत सेना के 14 अफसर सवार थे।
इस हादसे में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ(सीडीएस) जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना के 13 अफसरों की मौत हो गई है, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है। आज दोपहर को हुए इस हादसे में घायल बिपिन रावत और अन्य लोगों को गंभीर हालत में वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया। जहां से शाम तक जनरल रावत की स्थिति गंभीर होने की खबरें आती रहीं, मगर देर शाम तक स्थित साफ हो पाई।
फिलहाल इस हादसे में हेलिकॉप्टर चालक दल में से एक व्यक्ति जिंदा बचा है। उधर, सीडीएस रावत के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जाहिर किया है। मोदी ने ट्वीट में लिखा कि ‘जनरल रावत बेमिसाल सैनिक थे। सच्चे देशभक्त थे और उन्होंने हमारी सेनाओं के मॉर्डनाइजेशन के लिए योगदान दिया। उनके जाने से मुझे गहरा दुख हुआ है। देश उनकी असाधारण सेवा को कभी नहीं भूलेगा।’ रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा कि रावत का असमय निधन देश और सेना के लिए कभी पूरी न हो पाने वाली क्षति है।
हेलिकॉप्टर क्रैश में अकेले बचने वाले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह भी हादसे में बुरी तरह झुलस गए हैं। वे वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती हैं। पिछले साल तेजस फाइटर जेट उड़ाते वक्त उन्हें बड़ी तकनीकी दिक्कत का सामना करना पड़ा था। उन्होंने साहस नहीं खोया और विमान को सुरक्षित लैंड कराया। इसके लिए उन्होंने शौर्य चक्र से नवाजा गया था।
हादसे में जनरल रावत, उनकी पत्नी के अलावा 12 लोग और थे। इनमें ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी. साई तेजा और हवलदार सतपाल सवार शामिल हैं। वहीं 5 और लोगों के नाम सामने आने बाकी हैं।
मिली जानकारी के अनुसार हेलिकॉप्टर बुधवार दोपहर को तमिलनाडु के कुन्नूर के घने जंगलों में क्रेश हुआ। क्रैश स्थल पर कटे पड़े बड़े-बड़े पेड़ों के तने हादसे की भयाहवता का खुलासा कर रहे थे। जब रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची तो बुरी तरह से जल चुके शव इधर-उधर पड़े नजर आए। हेलिकॉप्टर क्रैश होते ही धू-धू कर जलने लगा। आग के बीच कुछ ही देर में राख का ढेर नजर आने लगा।
हेलिकॉप्टर गिरने के बाद कुछ ही देर में आस-पास धुआं ही धुआं नजर आने लगा और भयंकर आग लग गई। हादसे के बाद यहां बड़ी तादाद में स्थानीय लोग जमा हो गए। हेलिकॉप्टर जहां क्रैश हुआ, वहां आसपास के कई पेड़ गिर गए। इससे रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी हुई। स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंच कर पाइपों से पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की। रेस्कयू टीम ने जरनल बिपिन रावत को गंभीर हालत में बाकी घायलों के साथ इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। पहाड़ी के नीचे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
उधर, न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, हेलिकॉप्टर सुलूर एयरबेस से वेलिंगटन जा रहा था। यह हादसे के समय लैंडिंग स्पॉट से महज 10 किलोमीटर दूर था। जो शव बरामद किए गए हैं, उनकी पहचान की कोशिश की जा रही है, क्योंकि ये 85 फीसदी तक जल गए हैं। हादसे के जो विजुअल सामने आए हैं, उनमें हेलिकॉप्टर पूरी तरह क्षतिग्रस्त नजर आया और उसमें आग लगी थी।
हादसे के एक चश्मदीद ने बताया कि उसे पहले बहुत तेज आवाज सुनाई दी। हेलिकॉप्टर से पेड़ों पर गिरा। इसके बाद उसमें आग लग गई, वो आग का गोला बन गया था। एक और चश्मदीद का कहना है कि उसने जलते हुए लोगों को गिरते देखा। ज्ञात रहे कि जनरल बिपिन रावत एक बार पहले भी हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो चुके हैं। 3 फरवरी 2015 को उनका चीता हेलिकॉप्टर नगालैंड के दीमापुर में क्रैश हुआ था। तब बिपिन रावत लेफ्टिनेंट जनरल थे। एक महीने के अंदर देश में दूसरा एमआई-17 हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है। पहले 19 नवंबर को अरुणाचल प्रदेश में ऐसा ही हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था। तब चॉपर में सवार सभी 12 लोग मारे गए थे।
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