नई दिल्ली, 09 सितंबर। उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में रिक्त पदों को भरने के लिए निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अरुण मिश्रा को एनएचआरसी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के बाद की घटनाओं को देखते हुए यह याचिका व्यर्थ हो गई है।
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने पीठ को बताया कि अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की गई है और केवल दो पद रिक्त हैं। इस पर शीर्ष न्यायालय ने पूछा कि ‘अध्यक्ष की नियुक्ति की गयी है तो हम इसे लंबित क्यों रखे। यह मामला व्यर्थ हो गया है।’उच्चतम न्यायालय वकील राधाकांत त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया गया है।
न्यायाधीश मिश्रा भारत के पहले गैर प्रधान न्यायाधीश हैं, जिन्हें 2019 में मानवाधिकार सुरक्षा अधिनियम में संशोधन के बाद से एनएचआरसी प्रमुख के पद पर नियुक्त किया गया है। भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू के पिछले साल दिसंबर में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद एनएचआरसी अध्यक्ष का पद खाली था। खुफिया ब्यूरो के पूर्व निदेशक राजीव जैन और जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एमएम कुमार को भी आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है।
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