चिंतपूर्णी(ऊना),28 जनवरी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला ऊना के चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के तहत लडोली में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की और जन समस्याएं सुनीं। कार्यक्रम के दौरान 62 जन समस्याएं प्राप्त हुईं तथा 24 विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र बनाए गए, जबकि 13 इंतकाल भी सत्यापित किए गए।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अंब में दो दिवसीय चिंतपूर्णी महोत्सव, अंब में मिनी सचिवालय के निर्माण, स्वां तटीकरण के लिए 10 करोड़ प्रदान करने, पंजोआ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने तथा इनडोर स्टेडियम बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नैहरियां आईटीआई में रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे ताकि युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो सकें। उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सलोई और दियाड़ा में विज्ञान की कक्षाएं शुरू करने तथा इस क्षेत्र में 50 पुराने ट्यूबवेल की मरम्मत करने के लिए तीन करोड़ रुपये प्रदान करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में अनेकों सुधार कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के 56 स्वास्थ्य संस्थानों में प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सूचना प्रबन्धन प्रणाली शुरू करने जा रही है, जिससे चिकित्सकों को क्लाउड आधारित सर्वर से रोगियों के सम्पूर्ण चिकित्सा विवरण उपलब्ध हो सकेंगे। इस सुविधा के आरंभ होने से मरीज को डॉक्टर के पास पर्ची व रिपोर्ट ले जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में रोबोटिक सर्जरी और अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीक लाने जा रही है, जिनका परिणाम आने वाले दो वर्ष में सामने आएगा।
उन्होंने कहा कि पहली ही कैबिनेट में 1.36 सरकारी कर्मचारियों का बुढ़ापा सुरक्षित कर सरकार द्वारा पुरानी पेंशन स्कीम लागू की गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास प्रदेश के एनपीएस के 9000 करोड़ रुपये पड़े हैं, जिसका मामला केंद्र के समक्ष उठाया गया है। उन्होंने कहा कि पिछली बरसात में हिमाचल प्रदेश ने इतिहास की सबसे बड़ी आपदा सामना किया, जिसमें 16 हजार घर क्षतिग्रस्त हुए। उन्होंने कहा कि वह लोगों के दर्द से वाकिफ हैं, इसलिए आर्थिक तंगी के बावजूद व नियमों में बदलाव कर 4500 करोड़ रुपये का विशेष आपदा राहत पैकेज प्रभावितों को दिया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त घर पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है। घर को आंशिक नुकसान होने पर भी मुआवजा राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान तीन दिन तक आपदा पर चर्चा हुई लेकिन हिमाचल प्रदेश की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के प्रस्ताव का भाजपा विधायकों ने समर्थन नहीं किया और उन्होंने केवल राजनीति की। उन्होंने कहा कि भाजपा के किसी भी सांसद ने हिमाचल को आपदा से निपटने के लिये केंद्र सरकार से मदद नहीं मांगी। यही नहीं राज्य सरकार ने आपदा के 10 हजार करोड़ रुपये के क्लेम सितंबर माह में केंद्र सरकार को भेजे हैं, लेकिन भाजपा नेता इसमें भी अड़ंगा लगा रहे हैं, जिसके लिए जनता भाजपा नेताओं का माफ नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि समाज का एक वर्ग ऐसा भी है, जो अपनी आवाज नहीं उठा सकता। उनके लिए कल्याण के लिए वर्तमान राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत कानून बनाकर प्रदेश के 4000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ दे स्टेट के रूप में अपनाया है। इस योजना के तहत 18 वर्ष तक के अनाथ बच्चों को 2500 रुपये प्रति माह तथा 27 वर्ष तक के बच्चों को 4 हजार रुपये पॉकेट मनी के रूप में दे रही है। इसके अतिरिक्त उनके उच्च शिक्षा का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी। उन्होंने कहा कि आज ऐसी ही लाभार्थी बच्ची से बात करते हुए उन्हें प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना आरम्भ की है, जिसके तहत विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए 20 लाख रुपये तक का ऋण एक प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध करवाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महीने के अंतिम दो दिनों में राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर रही है, जिसमें अब तक 65000 से अधिक इंतकाल तथा 4000 से अधिक तकसीम के मामलों का निपटारा जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों में 21 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की जा रही है। शिक्षा विभाग में अध्यापकों के 5291, पुलिस विभाग में कांस्टेबल के 1226, जल शक्ति विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 10 हजार पद भरे जाएंगे। इसके साथ ही वन मित्र योजना के तहत 2061 वन मित्रों की भर्ती की जा रही है और स्वास्थ्य विभाग में 1450 पद भरे जाएंगे। इसी तरह, पटवारियों के 874 पद भरे जा रहे हैं। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृतसंकल्पित है, जिसके लिए सरकार ने किसानों से दूध खरीद का मूल्य छह रुपए बढ़ाया है और आने वाले समय में पशु पालकों को निश्चित आय सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
विधायक सुदर्शन बबलू ने कहा कि ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू एक आम परिवार से निकलकर मुख्यंमत्री पद पर पहुँचे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार को पूर्व सरकार से 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज विरासत में मिला है। अभी मुख्यमंत्री अर्थव्यवस्था को पटरी पर ला ही रहे थे कि हिमाचल प्रदेश में आपदा आ गई। मुख्यमंत्री ने आपदा के दौरान सभी कांग्रेस विधायकों को फील्ड में डटे रहने के निर्देश दिए और खुद भी मोर्चे पर डटे रहे, जिसके कारण रिकॉर्ड समय में बिजली, पीने के पानी और सड़क सुविधा जैसी सभी आवश्यक सेवाएं बहाल हुईं। उन्होंने कहा कि केंद्र से कोई भी मदद न मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए हर प्रकार से मदद दी। उन्होंने आपदा के दौरान चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुए 150 मकानों को मुआवजा राशि प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के लिए किए गए सभी शिलान्यास व उद्घाटनों के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों की विकासात्मक प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया। इससे पहले, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला ऊना के चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में कुल 33.21 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं के शिलान्यास एवं उद्घाटन किए। उन्होंने 12.81 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली ज्वार-नारी वाया बिल्लां दा सड़क तथा 10.90 करोड़ रुपये की लागत से अंब कस्बे के लिए पेयजल परियोजना की आधारशिला रखी तथा 8.47 करोड़ रुपये की लागत से नैहरियां में बने आईटीआई भवन का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर विधायक चैतन्य शर्मा व देवेंद्र भुट्टो, पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार, एडवोकेट जनरल अनूप रतन, पूर्व विधायक सतपाल रायजादा, जिला ऊना कांग्रेस अध्यक्ष रणजीत सिंह राणा, एचपीसीसी महासचिव विक्रम शर्मा, सचिव संजीव कालिया, पूर्व विधायक नवीन धीमान, उपायुक्त राघव शर्मा, पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
आपके कारण ही जीवित है मेरा परिवार
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के पंजोआ में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के दौरान विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से सीधा संवाद किया। प्राकृतिक आपदा विशेष राहत पैकेज के लाभार्थी शिवचरण ने मुख्यमंत्री से कहा कि उनके परिवार पर बड़ी विपदा आ गई थी। आपदा में उनका सब कुछ बर्बाद हो गया था। शिवचरण ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अगर प्रदेश सरकार ने आपदा के समय उनके परिवार की सहायता नहीं की होती तो आज उनका परिवार जीवित नहीं होता।
विशेष राहत पैकेज के अन्य लाभार्थी बाल किशन ने कहा कि आपदा में मेरा मकान गिर गया था। प्रदेश सरकार ने राजस्व विभाग के माध्यम से राहत पैकेज के तहत तीन लाख रुपये की राशि प्रदान की है, जिस कारण मैंने मकान का काम आरम्भ कर दिया है। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री व प्रदेश सरकार का आभारी हूं।
वहीं, विशेष राजस्व अदालत के तहत शीघ्र इंतकाल होने पर सुखदेव सिंह ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की मुहिम से काफी लोग लाभान्वित हुए हैं। मेरा इंतकाल भी काफी समय से लम्बित था। जसपाल सिंह ने सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि उनका इंतकाल भी तुरंत हो गया।
मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना की लाभार्थी समीक्षा भाटिया ने कहा कि मुझे अपना जीवन अंधकारमय लग रहा था। आपने मुख्यमंत्री बनने के बाद सुख आश्रय योजना लागू की, जिससे मुझे सुख का अहसास हो रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने मेरा दाखिला एलएलबी में करवाया और मुझे योजना के तहत सभी लाभ मिल रहे हैं। सुख आश्रय योजना का लाभ ले रहे अभिषेक ने बताया कि उनका दाखिला महिला एवं बाल विकास विभाग ने बी-फार्मा में करवा दिया है। योजना के आरम्भ होने से पहले हम अकेला व असहाय महसूस कर रहे थेे। मेरी दो बहनें भी हैं, जिनमें से एक जीएनएम कर रही है। अब हम चिंतामुक्त जी रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुख आश्रय योजना के तहत वर्तमान राज्य सरकार 18 वर्ष तक के अनाथ बच्चों को 2500 रुपए प्रति माह तथा 27 वर्ष तक के बच्चों को 4 हजार रुपए पॉकेट मनी के रूप में दे रही है। ऐसे बच्चों की शादी तथा स्टार्ट-अप के लिए 2-2 लाख रुपए की आर्थिक मदद प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें घर बनाने के लिए भूमि उपलब्ध करवाई जा रही है और 3 लाख रुपये की आर्थिक सहायता सहित अन्य सुविधाएं भी दी जा रही है।
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