शिमला, 22 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी सत्ता परिवर्तन के बजाय व्यवस्था परिवर्तन के उद्देश्य से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने वाली है। यह बात कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं विधायक सुखविंद्र सिंह सुख्खू ने कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ेगी, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी विधायकों की संपत्ति और आय के साधनों को सार्वजनिक करने के मक़सद से पारदर्शिता कानून और जनहित के विकास कार्यों में गुणवत्ता लाने और जिम्मेदारी तय करने के मक़सद से रिस्पांसिबिलिटी कानून भी लाएगी।
सुख्खू ने कहा कि जयराम सरकार का कंट्रोल दिल्ली में है और सभी निर्णय दिल्ली भाजपा हाई कमान ले रही है। मुख्यमंत्री लाचार नजर आ रहे हैं। महँगाई पिछले आठ वर्षों में आसमान छू रही है। तेल, रसोई गैस, दालें सभी आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 70 साल में भी इतनी कीमतें नहीं बढ़ी जितनी पिछले आठ साल में बढ़ गई हैं। भाजपा केवल अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा के लिए काम कर रही है। उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव पर भ्रष्टाचार के आरोपों का मुद्दा उठानते हुए कहा कि जय राम सरकार इन आरोपों की जांच नहीं करवा रही है। कांग्रेस के सत्ता में आने पर इसकी जांच करवाई जाएगी।
प्रदेश कांग्रेस संगठन में परिवर्तन की चर्चाओं के सवालों पर उन्होंने कहा कि यह एक निरंतर प्रक्रिया है और पार्टी हाई कमान समय समय पर इसको लेकर निर्णय लेती है। उन्होंने कहा कि इस बार 40 साल के बाद हिमाचल कांग्रेस को नया नेतृत्व मिलने जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की ओर से कोई सीएम का चेहरा नहीं होगा, बल्कि पार्टी सामुहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी।
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